---------------------------------------------------
***************************************************
---------------------------------------------------
एक लब्ज मैं क्या तरीफ करूं आपकी अप लाब्जों मैं कैसे समां पाओगे ,
बस इतना जन लो की जब लोग दोस्ती के बारे मैं पूछेंगे,
तो मेरी आँखों से सिर्फ तुम नजर आओगे !
वादियों से चाँद निकल आया है,
फीजाओं मैं नया रंग छाया हैं ,
आप हो की खामोस बेठे हैं ,
अब तो मुस्कराओ क्यूंकि एक बार फिर हमारा स्क्रैप आया है.
कल फुरसत न मिली तो क्या होगा
इतनी मोहलत न होगी तो क्या होगा ,
रोज तुम्हारा स्क्रैप की इंतज़ार करता हूँ
कल आँखें न रहे तो क्या होगा.
उस दिल से प्यार करो जो तुम्हे दर्द दे.
पर उस दिल को कभी दर्द न दो जो तुम्हे प्यार करे .
क्यूंकि तुम दुनिया के लिए कोई एक हो ,
पर किसी एक के लिए साड़ी दुनिया हो.
फूल से किसी ने पूछा तुने खुशबू दी तुझे क्या मिला
फूल ने कहा लेना और देना तो व्यापर है
जो दे कर कुछ न मांगे वो प्यार है.
किसी एक से करो प्यार इतना की किसी और से प्यार करने की गुन्जाय्स न रहे,
वो मुस्करा के देखे कर एक बार
तो जिंदगी से फिर कोई खवास न रहे .......................
-----------------
Karan Solanki
-----------------
मुझसे ये मत पूछो के कौन हूँ मैं,
खामोश रहने दो मुझे, मत मेरे ज़ख्म कुरेदो ,
अपने ही आँसूओं से भीगा हुआ कोई दिल है मेरा ,
जो बह निकलेगा कहीं तो सैलाब आजयेगा,
अपनों के लिए एक हसीं ख्याल हूँ मैं ,
गैरों के लिए एक हसीं सवाल हूँ मैं ,
एक अधूरा सा कोई खवाब हूँ मैं,
या तुम्हारे ख्वाबों का कोई जवाब हूँ मैं ,
शाम के डूबते हुए सूरज की हलकी सी धुप हूँ मैं ,
सुबह की ठंडी हवा का एक झोका भी हूँ,
फूलों पर जमी हुई ओस की एक बूँद भी हूँ ,
रास्तों में उड़ती हुई धुल का एक ज़र्रा भी हूँ ,
तनहाइयों में जो कभी सुनते हो तुम वही साज हूँ मैं,
तुम्हारे दिल की गहराइयों में जो बसी है वो आवाज हूँ मैं ,
आईने में खुद को देख कर मुस्कुराने का अंदाज़ हूँ मैं ,
हर अँधेरी रात के बाद आने वाले दिन का आगाज़ हूँ मैं,
किसी मासूम चेहरे की मुस्कराहट भी हूँ ,
आने वाले हर लम्हे की आहट भी हूँ ,
किसी के दिल की नफरत भी हूँ मैं
किसी के दिल की चाहत भी हूँ ,
मुझे समझ सकोगे तो जान पाओगे मुझे !
अपने दिल से कभी खामोशी में पूछोगे तो पहचान पाओगे मुझे !!!!
============================================
No comments:
Post a Comment