Saturday, February 28, 2009

** ZINDAGI **

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हमसे आया ना गया उंनसे बुलाया ना गया ,,
फासला प्यार में दोनों से मिटाया ना गया ,,
हमसे आया ना गया .....

वोह घडी याद है जब तुमसे मुलाक़ात हुई ,,
एक इशारा हुआ, दो हाथ बढे, और बात हुई ,,
देखते देखते दिन ढल गया और रात हुई ,,
वोह समा आज तलक दिल से भुलाया ना गया ,,
हमसे आया ना गया .....

क्या खबर थी के मिले हैं बिछड़ने के लिए ,,
किस्मतें अपनी बनी हैं बिगड़ने के लिए ,,
प्यार का बाघ लगाया था उजाड़ने के लिए ,,
इस तरह उजड़ा की फिर हमसे बसाया ना गया ,,
हमसे आया ना गया .....

याद रह जाती है वक़्त गुज़र जाता है ,,
फूल खिलते भी हैं खुलके बिखर भी जाते हैं ,,
सब चले जाते हैं तब दर्द -ऐ-जिगर रह जाता है ,,
दाग जो तू ने दिया दिल से मिटाया ना गया ,,
हमसे आया ना गया उंनसे बुलाया ना गया ,,
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Karan Solanki
+91-9316860438

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