Tuesday, June 28, 2011
Tuesday, June 14, 2011
दिल की उमंग
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दिल की उमंगों के पंख लगा कर ..खुले आकाश में उंडा चाहती हूँ ....
लहरों की सवारी कर...
साहिल को अपना बनाना चाहती हूँ...
ए खुदा ! हिम्मत दे मुझे लड़ने की...
मैं पत्थर को मोम और...
मोम को पत्थर बनाना चाहती हूँ...
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निगाहों के मिलते मिलते दिल मिले जो हमारे..
नजदीकियां बड़ी और प्यार हो गया..
सलामत रहे जन्मो तक प्यार ये हमारा...
खुदा से बस येही है दुआ...
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